जानें कोकोपीट उर्वरक से पौधों को क्या लाभ और इसे बनाने की विधि
भारत के बड़े शहरों में मृदा की आवश्यकता को पूर्ण करने के लिए कोको पीट का उपयोग किया जाता है। इस कोको पीट को नारियल फाइबर, कॉयर फाइबर या कॉयर के तोर पर भी जाना जाता है।
कोकोपीट नारियल के छिलकों को पीसकर निर्मित किया जाता है। इसकी उर्वरकता में पौधे की बढ़ोतरी के लिए बहुत सारे पोषक तत्व मिलाये जाते हैं। इसका उपयोग फूल और सब्जियों की पैदावार के लिए किया जाता है।
कही भी खेती करने के लिए मृदा अत्यंत आवश्यक चीज है। ऐसे में शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए मृदा का व्यवस्था करना एक बड़ी चुनौती है।
अब अगर आप शहर में रहकर खेती करना चाहते हैं, तो इस तरीके को स्वीकार करके आप अपनी छत पर भी छोटी-छोटी थैलियों में सब्जियां उगा सकते हैं।
पौधों में कोकोपीट के क्या-क्या फायदे हैं
किचन गार्डन में कोकोपीट उर्वरक का इस्तेमाल करने से बहुत सारे फायदे होते हैं। पौधों में कोको पीट डालने से मृदा में नमी बनी रहती है। इससे बीजों या पौधों में फंगल रोग नहीं लगते और बीज तेजी से बढ़ते हैं।
मृदा में कोको पीट मिलाने से खरपतवार ज्यादा बढ़ने से बचते हैं। पानी सोखने की अधिक क्षमता के कारण पौधा मिट्टी में नम रहता है और उसकी बढ़ोतरी भी शानदार होती है। कोकोपीट डालने से पौधे की जड़ें भी मजबूत होती हैं।
कोकोपीट और मृदा तैयार करने का सही तरीका
सर्वप्रथम कोकोपीट ईंटों को एक बाल्टी में डाल लें। अब इसमें एक या दो मग पानी डालकर बारीक तोड़ लें और 20 मिनट के लिए छोड़ दें। यहां पौधे की मिट्टी को थोड़ा ढीला कर लें।
इसके बाद कोकोपीट को पानी से निकालकर मृदा में डालें और मिट्टी को बेहतर ढ़ंग से मिला दें। कोकोपीट का उपयोग बीज बोते समय भी किया जा सकता है।
पौधे के लिए मृदा 40%, कोकोपीट 30% और गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट 30% कोकोपीट के साथ मिलाकर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
कोकोपीट घर पर इस तरह बना सकते हैं
सभी छिलकों को इकट्ठा करके सबसे पहले किसी साफ जगह पर धूप में तीन-चार दिन के लिए सुखाने के लिए रख दें। अब इन छिलकों को कैंची से छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। ध्यान रखें कि कोई भी टुकड़ा ज्यादा ठोस न हो, किसी भी ठोस टुकड़े को अलग से हटा दें।
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अब इन छिलकों को ग्राइंडर मिक्सर से पीस लें। छिलकों को तब तक पीसना है जब तक वह पाउडर न बन जाए। हालाँकि, नारियल के छिलकों को पूर्ण रूप से पीसना संभव नहीं है।
परंतु, इसमें कुछ रेशे रह जाते हैं। इसलिए पाउडर को अलग से छान लें और रेशों को अलग कर लें। अब पाउडर में पानी मिलाएं और 2-3 घंटे के लिए छोड़ दें। जब यह पाउडर पानी को बेहतर ढ़ंग से सोख ले तो इसे निचोड़ लें, इससे शेष पानी निकल जाएगा।